कामधेनु शिवाक्षार पाचन चूर्ण एक आयुर्वेदिक उत्पाद हैं , आयुर्वेद में शिवाक्षार पाचन चूर्ण को बेहद फायदेमंद बताया गया है, आयुर्वेद में इस चूर्ण का उपयोग कई रोगो को दूर करने के लिए किया जाता हैं ,तो आइये जानते हैं इसके बारे में -
कामधेनु शिवाक्षार पाचन चूर्ण के घटक-
कामधेनु शिवाक्षार पाचन चूर्ण हिंगवाष्टक चूर्ण, छोटी हरड का चूर्ण संजीक्षार या सोडबाइकार्ब (खाने का सोडा) प्रत्येक 10, आदि से मिलाकर विधिपूर्वक बनाया जाता हैं।
कामधेनु शिवाक्षार पाचन चूर्ण के फायदे और प्रयोग करने का तरीका -
कामधेनु शिवाक्षार पाचन चूर्ण यह उदर वायु (पेट में गैस बनना), अजीर्ण (वह रोग जिसमें भोजन नहीं पचता), कब्ज, अफरा(पेट फूलने की क्रिया), हिचकी, वमन(उलटी ), शूल (दर्द), अरुचि, कृमि (संक्रामक रोग) आदि रोग दूर करता हैं, एंव पाचनक्रिया को ठीक करता हैं! इस चूर्ण से अग्नि प्रदीप्त होती है, शिवाक्षार पाचन चूर्ण पाचक, अग्निप्रदीपक, यकृत शक्तिवर्धक और सारक है। इस चूर्ण का उपयोग अधिकतर पेट में भारीपन होने पर होता है। यह चूर्ण यकृत पित्त को सबल बनाता है, उदर (पेट) में उत्पन्न होने वाली दुर्गंध को दूर करता है तथा शौचशुद्धि कराने में सहायता पहुंचाता है। शिवाक्षार पाचक चूर्ण गैस्ट्रिक एवं कब्ज की समस्या में रामबाण औषधी साबित होती है |
कामधेनु शिवाक्षार पाचक चूर्ण का 6 ग्राम से 12 ग्राम पानी से दिन में दो बार सेवन करे ।
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