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मोटापे की तरह शरीर का कम वजन होना भी कई शारीरिक परेशानियों का कारण बन सकता है। अगर कोई व्यक्ति कम वजनी है, तो इसका मतलब उसे जरूरी पोषण नहीं मिल रहा है। पोषण के अभाव में शरीर कमजोर होने लगता है और शारीरिक विकास की प्रक्रिया धीमी या फिर रुक जाती है। हालांकि, अंडरवेट होने के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिक, कोई गंभीर बीमारी या फिर कुपोषण शामिल है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि अंडरवेट की स्थिति को ठीक नहीं किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको कुछ कारगर योगासन बता रहे हैं, जो आपके कम वजन को बढ़ाने का काम करेंगे। आइए, सबसे पहले जानते हैं कि वजन बढ़ाने में योग किस प्रकार आपकी मदद करता है। योग से न सिर्फ मोटापा कम किया जा सकता है, बल्कि वजन को बढ़ाया भी जा सकता है। अगर आप अंडरवेट का शिकार हैं, तो आप योगासन की मदद ले सकते हैं। योग की कई ऐसी क्रियाएं हैं, जो जल्द वजन बढ़ाने का काम करेंगी। ये यौगीक क्रियाएं आपकी भूख को बढ़ाएंगी, जिससे बॉडी मास भी बढ़ेगा। हम कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बताएंगे, जो आपके कम वजन को ठीक करने का काम करेंगे।

भुजंगासन : अंडरवेट की समस्या से निजात पाने के लिए आप भुजंगासन कर सकते हैं। यह आसन सीधा पाचन तंत्र पर काम करता है, जिससे भूख में सुधार होता है। इसके अलावा, यह आसन करने से मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है और सांस लेने में सुधार होता है।

कैसे करें :

  • सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं।
  • पैरों के बीच की दूरी को कम करें और पैरों को सीधा रखें।
  • अब अपनी हथेलियों को कंधे के सीध में लाएं।
  • अब सांस लेते हुए छाती से लेकर नाभि तक शरीर को ऊपर उठाएं।
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।
  • फिर गहरी सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में नीचे आ जाएं।
  • इस तरह से आप एक चक्र पूरा कर लेंगे।
  • शुरुआत में आप इस योगासन को चार से पांच बार कर सकते हैं।
  • नियमित अभ्यास करें और चक्र की संख्या बढ़ाएं।

  • वज्रासन : यह एकमात्र ऐसा आसन है, जिसका अभ्यास भोजन के तुरंत बाद किया जा सकता है। यह आसन सीधा पाचन तंत्र पर काम करता है और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने का काम करता है।

इसके अलावा, यह आसन मन भी शांत करता है। अंडरवेट की समस्या को ठीक करने के लिए आप वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं।

कैसे करें :

  • सबसे पहले पैरों को जमीन पर फैलाकर बैठें।
  • दाहिना पैर को घुटने से मोड़ें और दाहिने कूल्हे के नीचे रखें।
  • इसी तरह से बाएं पैर को मोड़ें और अपने बाएं कूल्हे के नीचे रखें।
  • अब नितम्बों को एड़ियों के बीच में लाएं।
  • हाथों को घुटनों पर रखें और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
  • सांस लेने व छोड़ने की प्रक्रिया जारी रखें और शांत रहने की कोशिश करें।
  • पहली अवस्था में आने के लिए अपने दाहिने पैर को आगे लेकर आए फिर बाएं को।

सूर्यनमस्कार : अंडरवेट की समस्या से निजात पाने के लिए आप सूर्य नमस्कार का अभ्यास कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार को आसनों का समूह कहा जाता है, जिसमें 12 मुद्राएं शामिल होती हैं और इन्हें आपको एक के बाद एक करना होता है। यह सभी आसन मिलकर पाचन तंत्र से लेकर हृदय स्वास्थ्य, तंत्रिका तंत्र व मांसपेशियों को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। घटते वजन को संतुलित करने के लिए आप सूर्य नमस्कार का सहारा ले सकते हैं। यह आसन इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम भी करता है, जिससे आपकी भूख न लगने की आदत में सुधार होगा और आपका बीएमआई बढ़ेगा।

कैसे करें :

  1. प्रणाम आसन : सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को छाती के पास नमस्कार मुद्रा में रखें।
  2. हस्तउत्तानासन : सांस लेते हुए हाथों को ऊपर करें और पीछे झुकें।
  3. पादहस्तासन : सांस छोड़ते हुए झुकें और हथेलियां जमीन पर रखें।
  4. अश्व संचालनासन : सांस लेते हुए एक पैर पीछे करें और दूसरा आगे मोड़ें।
  5. पर्वतासन : दोनों पैर पीछे कर शरीर को उठाएं।
  6. अष्टांगासन : घुटने, छाती और ठुड्डी को जमीन से स्पर्श करें।
  7. भुजंगासन : कमर से ऊपर का हिस्सा उठाएं।
  8. पर्वतासन : शरीर को उठाकर पर्वत की मुद्रा बनाएं।
  9. अश्व संचालनासन : विपरीत पैर को आगे लाएं।
  10. पादहस्तासन : झुककर माथा घुटनों से लगाएं।
  11. हस्तउत्तानासन : हाथ ऊपर कर पीछे झुकें।
  12. प्रणाम आसन : अंत में नमस्कार मुद्रा में खड़े हो जाएं।

पवनमुक्तासन : अंडरवेट से राहत पाने के लिए यह आसन पाचन तंत्र को सुधारता है और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। यह शरीर को पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करता है।

कैसे करें :

  • पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर से सटाकर रखें।
  • दायां पैर मोड़ें और घुटने को छाती से लगाएं।
  • हाथों से घुटने को पकड़कर नाक को घुटने से लगाएं।
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें।
  • धीरे से प्रारंभिक अवस्था में लौटें।
  • इसी तरह बाएं पैर और फिर दोनों पैरों से करें।
  • चार से पांच बार दोहराएं।

मत्स्यासन : यह आसन थायरॉयड और पाचन तंत्र दोनों पर काम करता है। वजन बढ़ाने के लिए यह बहुत लाभदायक है और मेटाबॉलिज्म को संतुलित करता है।

  • पद्मासन में बैठें।
  • धीरे-धीरे पीछे झुककर पीठ के बल लेटें।
  • दोनों हाथों से विपरीत पैरों को पकड़ें।
  • कोहनियों को जमीन पर टिकाएं और सिर को पीछे झुकाएं।
  • धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
  • कुछ सेकंड बाद प्रारंभिक अवस्था में आएं।
  • चार से पांच बार करें।

सर्वांगासन : यह आसन रक्त संचार और ऑक्सीजन प्रवाह को बढ़ाता है। इससे शरीर में ऊर्जा और मजबूती आती है।

  • पीठ के बल लेटें और हाथों को जांघों के पास रखें।
  • पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
  • हथेलियों से नितंब को सहारा दें।
  • शरीर को सीधा रखें और ठोड़ी को छाती से लगाएं।
  • धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में लौटें।

धनुरासन : पेट के बल किया जाने वाला यह आसन पाचन सुधारता है और थायरॉयड नियंत्रित करता है। यह शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है।

  • पेट के बल लेटें।
  • घुटनों को मोड़ें और टखनों को पकड़ें।
  • सांस लेते हुए सिर, छाती और जांघों को ऊपर उठाएं।
  • शरीर धनुष की तरह बनना चाहिए।
  • धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
  • धीरे से नीचे आएं और चार-पांच बार करें।

चक्रासन : यह आसन शरीर को लचीलापन देता है और पाचन तंत्र को सुधारता है। रक्त संचार को भी बढ़ावा देता है।

  • पीठ के बल लेटें।
  • घुटनों को मोड़ें और एड़ियों को नितंबों से लगाएं।
  • हाथों को सिर के ऊपर जमीन पर रखें।
  • सांस लेते हुए शरीर को ऊपर उठाएं।
  • धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
  • कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और नीचे आ जाएं।
  • पांच से छह बार करें।

शीर्षासन : यह आसन थायरॉयड को नियंत्रित करता है और रक्त संचार में सुधार करता है। शरीर के वजन को संतुलित करने के लिए यह बेहद उपयोगी है।

  • योग मैट पर बैठें और उंगलियों को फंसाएं।
  • सिर को हाथों पर रखें।
  • पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
  • सिर के बल खड़े हों।
  • धीरे-धीरे नीचे आएं और तीन से पांच बार करें।

शवासन : यह आसन शरीर को पूरी तरह आराम देता है और रक्त व ऑक्सीजन के प्रवाह को सुधारता है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और अंग मजबूत होते हैं।

कैसे करें :

  • पीठ के बल लेटें।
  • हाथों को शरीर से एक फुट दूर रखें।
  • पैरों में लगभग दो फुट की दूरी रखें।
  • हथेलियों को ऊपर की ओर रखें।
  • आंखें बंद कर सांस को धीरे-धीरे लें और छोड़ें।
  • 15 से 20 मिनट तक रहें।

लेख में बताए गए आसनों को करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप इन्हें करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हैं। अगर आप पहली बार योग कर रहे हैं या किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, तो प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें। अंडरवेट की समस्या से निजात पाने के लिए ये सभी योगासन कारगर हैं। आपको यह लेख कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।