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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में पीठ दर्द होना एक आम समस्या है। इसके कई कारण हैं जैसे सर्जिकल डिलीवरी, गलत तरीके से सोना या उठना-बैठना आदि। महिलाओं में आमतौर पर ऊंची हील सैंडल पहनने से कमर दर्द की संभावना बढ़ जाती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में पीठ दर्द का स्थायी इलाज मौजूद है। आयुर्वेद के अनुसार कमर दर्द का मुख्य कारण कब्ज है, जिसे आयुर्वेदिक उपचार से आसानी से ठीक किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं पीठ दर्द के आयुर्वेदिक इलाज।

पीठ दर्द के आयुर्वेदिक इलाज

  • आयुर्वेद के अनुसार कमर दर्द का मुख्य कारण कब्ज है। कब्ज दूर करने के लिए उदर विकार हर चूर्ण या तरुणी कुसुमाकर चूर्ण का सेवन करें।
  • कमर दर्द होने पर दशमूल कााढ़ा सुबह और शाम पानी से पीना चाहिए।
  • कब्ज होने पर अरण्डी तेल रात में लेना लाभकारी होता है।
  • रात में गेहूं के दानों को पानी में भिगोकर सुबह उन्हें खसखस और धनिया के साथ दूध में डालकर चटनी बनाकर सप्ताह में दो बार खाने से कमर दर्द कम होता है और शरीर में ताकत भी बढ़ती है।
  • आयुर्वेदिक वातानिल आयल और महानारायण तेल को मिलाकर कमर की मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है।
  • दर्द कम करने के लिए वातारी चूर्ण, वातानिल आयल, महाविषगर्भ तेल, महानारायण तेल, एरंड पाक जैसी आयुर्वेदिक औषधियां लाभदायक हैं। इनका उपयोग चिकित्सक की देखरेख में करें।
  • पीठ दर्द मिटाने के लिए वातानिल आयल से हल्के हाथों से मालिश करनी चाहिए। इससे कशेरुकाएं अपनी सही स्थिति में आ जाती हैं और दर्द से राहत मिलती है।

पीठ दर्द से बचने के उपाय

  • कभी भी झुककर भार न उठाएं।
  • कुर्सी पर या जमीन पर बैठते समय आगे की तरफ झुकने से बचें।
  • घंटों तक बैठना हो तो बीच-बीच में शरीर को हिलाते रहें।
  • लगभग 25% कीबोर्ड ऑपरेटरों को कंप्यूटर पर काम करने से सर्वाइको ब्रैकियल सिंड्रोम हो जाता है। इससे बचने के लिए नियमित व्यायाम करें।
  • आमतौर पर पीठ दर्द बढ़ती उम्र से संबंधित रोग है, क्योंकि अधिक आयु में अस्थियाँ कमजोर हो जाती हैं और कैल्शियम की कमी हो जाती है।
  • सही व्यायाम, आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन और सामान्य सावधानियों से पीठ दर्द से निजात पाई जा सकती है।

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