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हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की अद्भुत शक्ति होती है। रोगों से लड़ने में हमें शरीर का साथ देना चाहिये वर्ना शरीर जरूर बीमार हो जायेगा। शरीर का साथ देने के लिए हमें किसी महंगी दवा खाने की जरुरत नहीं है। जरूरी सिर्फ ये है कि शरीर की प्रकृति को समझकर जो शरीर को चाहिए वही उसे दें। यह बिलकुल मुश्किल नहीं है। शरीर साफ-साफ संकेत देता है कि उसे क्या चाहिए और क्या नहीं। भूख, प्यास, नींद, थकान, पेटदर्द, कब्ज आदि शरीर के संकेत ही हैं। भूख लगने पर यदि खाना नहीं खाएं, प्यास लगने पर पानी नहीं पिएं तो निश्चित रूप से हम शरीर का साथ नहीं देकर उसका विरोध कर रहे हैं। नतीजा शारीरिक तकलीफ ही होगा। भूख ना होने पर भी जबरदस्ती खाना भी विरोध है। जरा सी तबियत खराब होने पर डॉक्टर के पास चले जाते हैं। फिर एंटीबायोटिक खाते हैं, जिनके साइड इफेक्ट्स बहुत होते हैं। बहुत सी छोटी-छोटी परेशानी में घरेलु नुस्खे अच्छा फायदा कर सकते हैं। यदि घरेलु नुस्खे के सेवन से तबियत में आराम आ जाता हो तो एंटीबायोटिक से बचना चाहिए।

स्वस्थ व निरोगी रहने के आसान तरीके

कुछ स्वाभाविक शारीरिक प्रक्रियाओं को कभी भी रोकना नहीं चाहिए जैसे जम्हाई, छींक, आंसू, भूख, डकार, नींद, मल-मूत्र, पाद, खांसी आदि। इन्हें रोकने से शरीर में व्याधियां उत्पन्न होती हैं जो स्वस्थ नहीं रहने देतीं।

शाकाहारी भोजन में विटामिन बी12 तथा विटामिन डी कम ही वस्तुओं में पाया जाता है। इसलिए इनकी कमी होने की पूरी संभावना होती है। शाकाहारी भोजन में सिर्फ दूध ही विटामिन बी12 का स्रोत होता है।

विटामिन बी12 की कमी से कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए रोजाना दो गिलास दूध जरूर पीना चाहिए। इससे कैल्शियम की भी पूर्ति होगी और हड्डी की कमजोरी, जोड़ों का दर्द, दांत में कीड़ा आदि से बचाव होगा।

सुबह आधा घंटा पैदल जरूर चलना चाहिए। इसके बहुत सारे फायदे हैं जैसे कब्ज, बवासीर आदि की परेशानी नहीं होगी, भूख अच्छी लगेगी, खाना अच्छे से पचेगा, ब्लड प्रेशर नियमित रहेगा, डायबिटीज दूर रहेगी, वजन सही रहेगा, फेफड़े व दिल मजबूत होंगे इत्यादि।

खाने में सलाद, हरी सब्जियां, फल, सूखे मेवे जैसे काजू, बादाम, अखरोट आदि का रोज सेवन करना चाहिए। दूध, दही, छाछ आदि का सेवन भी जरूर करना चाहिए। दिन भर में दो-तीन लीटर यानी आठ-दस गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।

गर्मी के मौसम में केरी का पना, जलजीरा, छाछ, इमली का पना इत्यादि लेना चाहिए ताकि लू लगने से बचा जा सके। लू के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें। तेज धूप से बचना चाहिए। तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए। मैदा व तली हुई खाद्य सामग्री बहुत देर से पचती है जिससे गैस और एसिडिटी हो सकती है। बाजार की तली चीजें नुकसानदेह हो सकती हैं, तलने का तेल ज्यादा बार काम में लिया हुआ हो सकता है जिसके कारण बीमार हो सकते हैं।

विटामिन C युक्त आहार लेने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। अतः नींबू, संतरा, अमरूद, कीवी आदि का सेवन जरूर करना चाहिए। आंवला विटामिन C का बहुत अच्छा स्रोत है। किसी भी रूप में आंवले का उपयोग रोज करें। आंवले का उपयोग करने के लिए आंवला मुरब्बा, आंवला कैंडी, आंवला चूर्ण आदि घर पर आसानी से बनाए जा सकते हैं।

तुलसी का पौधा घर में अवश्य होना चाहिए। रोज एक पत्ता तुलसी सुबह पानी के साथ लेने से बहुत फायदे होते हैं। यहाँ तक कि यह कैंसर से भी बचाती है। इसका शरीर पर लंबे समय में अच्छा प्रभाव आता है।

यदि संभव हो योग एवं प्राणायाम को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। इससे शरीर लचीला और उर्जावान व सशक्त बना रहता है। योग व प्राणायाम अनुभवी व प्रशिक्षित व्यक्ति से सीखकर ही करना चाहिए अन्यथा नुकसान भी हो सकता है।

संभव हो तो रात का भोजन सोने से दो-तीन घंटे पहले कर लेना चाहिए और भोजन के बाद थोड़ा चलना चाहिए। रात के समय पाचन शक्ति कमजोर होती है, इसलिए सुपाच्य यानी जल्दी पचने वाला हल्का आहार लेना चाहिए।

व्रत, उपवास, पूजन, आरती आदि का शरीर पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। ये इंसान को शारीरिक और मानसिक शक्ति देते हैं। अतः जितना संभव हो सके उतना इन्हें अपने जीवन में स्थान जरूर देना चाहिए।

सप्ताह में एक बार व्रत या उपवास जरूर करना चाहिए। यह आपके आमाशय को दुरुस्त रखने में सहायक होगा। व्रत के समय जरूरी हो तो सीमित मात्रा में सिर्फ फलों का ही उपयोग किया जाना चाहिए।

आजकल छोटी उम्र में ही ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने लगी है। ब्लड प्रेशर नियमित अंतराल से चेक करवाते रहना चाहिए। ब्लड प्रेशर बढ़ने का पता नहीं चलता और इसका शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना चाहिए।

यदि बुखार हो तो थर्मामीटर से चेक करके देखना चाहिए। 102 डिग्री से ज्यादा हो तो सिर पर पानी से भीगा कपड़ा लगातार रखकर बुखार कम करने का प्रयास जारी रखना चाहिए। सिर्फ एक या दो दिन के हल्के बुखार से घबराना नहीं चाहिए। ज्यादा दिन तक बुखार हो तो जांच जरूर करवानी चाहिए।