हल्दी में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं । वहीं, दूध में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है। अपने रोजमर्रा के आहार में इन दो प्राकृतिक सामग्रियों को शामिल करने से बीमारियों और संक्रमण को रोका जा सकता है। हानिकारक सूक्ष्मजीवों से लड़ने के लिए यह एक प्रभावी उपाय है। इसके अलावा, हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो इसमें पाया जाने वाला प्रमुख पॉलीफेनोल है। यह इसके गुणों को बढ़ाता है और सेहत संबंधी लाभों में योगदान देता है। हल्दी और दूध न सिर्फ आपकी सेहत के लिए, बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
श्वासप्रणाली में संक्रमण के लिए हल्दी और दूध : बदलते मौसम, धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कारण सांस से संबंधित कई बीमारियां लोगों को परेशान करने लगी है। श्वासप्रणाली में संक्रमण आजकल एक आम, लेकिन गंभीर बात हो चुकी है। ऐसे में हल्दी और दूध का सेवन काफी लाभकारी साबित हो सकता है। हल्दी-दूध एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है और यह बैक्टीरियल संक्रमण या वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह श्वसन प्रणाली से संबंधित बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। यह आपके शरीर को गर्म करने में मदद करता है और आपको फेफड़ों व साइनस की परेशानी से जल्द राहत दिलाता है । अस्थमा और ब्रोंकाइटिस को ठीक करने के लिए भी हल्दी-दूध एक प्रभावी उपाय है।
-
हल्दी और दूध में है एंटीइंफ्लेमेटरी गुण : हल्दी-दूध में एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया और पेट के अल्सर से बचाव कर सकते हैं। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में ‘प्राकृतिक एस्पिरिन’ के रूप में भी जाना जाता है, जो सिरदर्द, सूजन और दर्द को ठीक कर सकता है।
-
सर्दी-जुकाम के लिए हल्दी-दूध : बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम की परेशानी होना आम बात है। इसके अलावा, कभी-कभी ठंडा-गर्म खाने से भी यह समस्या हो सकती है, लेकिन हर बार जरूरी नहीं कि हल्का सर्दी-जुकाम होने पर दवा का सेवन किया जाए। हालांकि, दवाइयां जल्द असर तो करती हैं, लेकिन कभी-कभी इनके साइड इफेक्ट भी होते हैं। ऐसे में कई बार घरेलू नुस्खे जादू की तरह काम करते हैं और हल्दी-दूध उन्हीं में से एक है। हल्दी युक्त दूध अपने एंटीवायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण सर्दी और खांसी को ठीक करने के लिए अच्छा उपाय माना जाता है । यह गले की खराश, खांसी और जुकाम से तुरंत राहत देता है। अगर आप हर रोज हल्दी-दूध का सेवन करेंगे, तो जल्द ही ठंड को हरा सकते हैं।
-
गठिया के लिए हल्दी और दूध : एक उम्र के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती है और तरह-तरह की हड्डियों की बीमारियां इंसान को परेशान करने लगती है, गठिया की समस्या उन्हीं में से एक है। जोड़ों में दर्द की यह परेशानी ठंड के मौसम में ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में हल्दी वाले दूध का उपयोग गठिया को ठीक करने और रयूमेटायड अर्थराइटिस में सूजन को कम करने या उसके इलाज के लिए किया जाता है। यह दर्द को कम करके जोड़ों और मांसपेशियों को लचीला बनाने में मदद करता है।
AMBA HALDI POWDER 250GM
-
दर्द से राहत दिलाने के लिए हल्दी और दूध : आजकल घंटों ऑफिस में बैठकर काम करने से लोगों को पीठ और कमर दर्द की शिकायत होने लगती है। ऐसे में हल्दी-दूध का सेवन आसान और असरदार उपाय है। हल्दी-दूध किसी भी तरह के दर्द विशेष रूप से पीठ दर्द से राहत देता है। यह शरीर में रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को मजबूत बनाता है। कभी-कभी ठंड या बदलते मौसम के कारण भी पीठ या कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसे में यह एक दर्द निवारक की तरह काम करता है और शरीर को गर्म भी रखता है। इसलिए, जब भी आप पीठ या कमर दर्द से परेशान हों, तो तुरंत हल्दी-दूध का सेवन करें।
-
रक्त को शुद्ध करने के लिए हल्दी और दूध : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खून का स्वस्थ और साफ होना भी जरूरी है। हल्दी-दूध को आयुर्वेदिक परंपरा में एक उत्कृष्ट रक्त शोधक यानी खून को साफ करने वाला माना गया है। साथ ही यह शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है। यह खून को पतला भी करता है, जिससे लसिका तंत्र और रक्त वाहिकाओं में जमा गंदगी साफ हो जाती है।
-
लिवर डिटॉक्स करने के लिए हल्दी और दूध : आजकल की इस जीवनशैली में लोग इतने व्यस्त हो चुके हैं कि उन्हें अपने खाने-पीने तक का होश नहीं रहता। ऐसे में कुछ भी तला-भूना, मसालेदार या फिर जंक फूड खा लेते हैं, जिसका असर लिवर पर पड़ता है। अगर लिवर स्वस्थ न रहे, तो शरीर भी ठीक तरह से काम नहीं कर पाता। इसलिए, कई बार लिवर को डिटॉक्सीफाई करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में हल्दी-दूध एक प्राकृतिक लिवर डिटॉक्सीफाई की तरह काम करता है, जिससे लिवर की कार्यप्रणाली तेज हो जाती है। यह लिवर की रक्षा करता है और लसीका प्रणाली को साफ करता है।
-
हड्डियों को स्वस्थ रखे हल्दी और दूध : हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम जरूरी होता है। दूध में कैल्शियम होता है, जो आपकी हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाता है । हल्दी वाला दूध हड्डियों के नुकसान और ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका को कम कर सकता है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर हड्डी की मजबूती के लिए रोजना हल्दी-दूध का सेवन करते हैं।
-
चन शक्ति के लिए हल्दी और दूध : अगर पेट और पाचन शक्ति ठीक से काम न करे, तो इसका असर आपके शरीर पर तेजी से पड़ता है। ऐसे में हल्दी-दूध के फायदे अनेक हैं। यह प्रभावशाली एंटीसेप्टिक है, जो आंतों को स्वस्थ रखता है और पेट के अल्सर व कोलाइटिस का इलाज करता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर करने में मदद करता है और अल्सर, दस्त व अपच को रोकता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण की तरह काम करता है और पेट दर्द का इलाज कर सकता है।
-
अनिद्रा के लिए हल्दी और दूध : काम का तनाव, घर का तनाव, थकावट और कई अन्य कारणों से आजकल लोगों को अनिद्रा की समस्या से गुजरना पड़ता है। ऐसे में कई बार लोग नींद की दवाइयां भी लेने लगते हैं और आगे चलकर लोगों को इसकी आदत होने लगती है। इसके अलावा, इन दवाइयों के कई साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। अगर अनिद्रा की परेशानी हो, तो दवाई लेने से बेहतर है कुछ घरेलू उपाय करने की। हल्दी-दूध उन्हीं घरेलू उपायों में से एक है। गर्म हल्दी-दूध एक एमिनो एसिड व ट्रिप्टोफैन का उत्पादन करता है, जिससे अच्छी नींद आती है। विभिन्न अध्ययनों से यह भी स्पष्ट हुआ है कि कैसे करक्यूमिन अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति में याददाश्त को भी ठीक करता है। ऐसे में जब भी आपको नींद न आए, तो आप हल्दी-दूध पिएं या हर रोज रात को सोने से पहले इसका सेवन करें।
-
गोरी त्वचा के लिए हल्दी और दूध : हर कोई गोरी-बेदाग त्वचा की ख्वाहिश रखता है। खासकर, बात करें महिलाओं की, तो वो त्वचा की खूबसूरती पर काफी ध्यान देती हैं। गोरी-बेदाग त्वचा पाने के लिए वो पार्लर जाने के अलावा कई तरह के उपाय करती हैं। साथ ही तरह-तरह की क्रीम और लोशन का भी इस्तेमाल करती हैं, लेकिन इनका असर कुछ ही दिनों तक रहता है। ऐसे कुछ घरेलू नुस्खे फायदेमंद साबित हो सकते हैं। उन्हीं उपायों में से एक हल्दी और दूध, अगर इसका उपयोग नियमित रूप से करेंगे, तो आपकी त्वचा में चमक आ सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हल्दी-दूध के एंटीऑक्सीडेंट गुण मुक्त कणों से लड़ते हैं, जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं।
-
प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार : मां बनना किसी भी महिला के लिए खुशी की बात होती है, लेकिन कुछ महिलाएं हॉर्मोनल बदलाव या अन्य कारणों से इस अहसास से वंचित रह जाती हैं। हालांकि, इसके लिए महिलाएं डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लेती हैं, लेकिन इसी के साथ कुछ घरेलू उपाय का भी सहारा लिया जाए, तो इस समस्या का और जल्दी समाधान निकाला जा सकता है। हल्दी में फाइटोएस्ट्रोजन होता है, जो महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण गर्भधारण नहीं कर सकती हैं। करक्यूमिन में एस्ट्रोजेनिक प्रभाव पाया गया है, जिस कारण हल्दी वाला दूध महिला प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा पेय पदार्थ माना गया है ।
-
श्वासप्रणाली में संक्रमण के लिए हल्दी और दूध : बदलते मौसम, धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कारण सांस से संबंधित कई बीमारियां लोगों को परेशान करने लगी है। श्वासप्रणाली में संक्रमण आजकल एक आम, लेकिन गंभीर बात हो चुकी है। ऐसे में हल्दी और दूध का सेवन काफी लाभकारी साबित हो सकता है। हल्दी-दूध एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है और यह बैक्टीरियल संक्रमण या वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह श्वसन प्रणाली से संबंधित बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। यह आपके शरीर को गर्म करने में मदद करता है और आपको फेफड़ों व साइनस की परेशानी से जल्द राहत दिलाता है । अस्थमा और ब्रोंकाइटिस को ठीक करने के लिए भी हल्दी-दूध एक प्रभावी उपाय है।
-
हल्दी और दूध में है एंटीइंफ्लेमेटरी गुण : हल्दी-दूध में एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया और पेट के अल्सर से बचाव कर सकते हैं। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में ‘प्राकृतिक एस्पिरिन’ के रूप में भी जाना जाता है, जो सिरदर्द, सूजन और दर्द को ठीक कर सकता है।
-
सर्दी-जुकाम के लिए हल्दी-दूध : बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम की परेशानी होना आम बात है। इसके अलावा, कभी-कभी ठंडा-गर्म खाने से भी यह समस्या हो सकती है, लेकिन हर बार जरूरी नहीं कि हल्का सर्दी-जुकाम होने पर दवा का सेवन किया जाए। हालांकि, दवाइयां जल्द असर तो करती हैं, लेकिन कभी-कभी इनके साइड इफेक्ट भी होते हैं। ऐसे में कई बार घरेलू नुस्खे जादू की तरह काम करते हैं और हल्दी-दूध उन्हीं में से एक है। हल्दी युक्त दूध अपने एंटीवायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण सर्दी और खांसी को ठीक करने के लिए अच्छा उपाय माना जाता है । यह गले की खराश, खांसी और जुकाम से तुरंत राहत देता है। अगर आप हर रोज हल्दी-दूध का सेवन करेंगे, तो जल्द ही ठंड को हरा सकते हैं।
-
गठिया के लिए हल्दी और दूध : एक उम्र के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती है और तरह-तरह की हड्डियों की बीमारियां इंसान को परेशान करने लगती है, गठिया की समस्या उन्हीं में से एक है। जोड़ों में दर्द की यह परेशानी ठंड के मौसम में ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में हल्दी वाले दूध का उपयोग गठिया को ठीक करने और रयूमेटायड अर्थराइटिस में सूजन को कम करने या उसके इलाज के लिए किया जाता है। यह दर्द को कम करके जोड़ों और मांसपेशियों को लचीला बनाने में मदद करता है।
-
दर्द से राहत दिलाने के लिए हल्दी और दूध : आजकल घंटों ऑफिस में बैठकर काम करने से लोगों को पीठ और कमर दर्द की शिकायत होने लगती है। ऐसे में हल्दी-दूध का सेवन आसान और असरदार उपाय है। हल्दी-दूध किसी भी तरह के दर्द विशेष रूप से पीठ दर्द से राहत देता है। यह शरीर में रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को मजबूत बनाता है। कभी-कभी ठंड या बदलते मौसम के कारण भी पीठ या कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसे में यह एक दर्द निवारक की तरह काम करता है और शरीर को गर्म भी रखता है। इसलिए, जब भी आप पीठ या कमर दर्द से परेशान हों, तो तुरंत हल्दी-दूध का सेवन करें।
-
रक्त को शुद्ध करने के लिए हल्दी और दूध : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खून का स्वस्थ और साफ होना भी जरूरी है। हल्दी-दूध को आयुर्वेदिक परंपरा में एक उत्कृष्ट रक्त शोधक यानी खून को साफ करने वाला माना गया है। साथ ही यह शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है। यह खून को पतला भी करता है, जिससे लसिका तंत्र और रक्त वाहिकाओं में जमा गंदगी साफ हो जाती है।
-
लिवर डिटॉक्स करने के लिए हल्दी और दूध : आजकल की इस जीवनशैली में लोग इतने व्यस्त हो चुके हैं कि उन्हें अपने खाने-पीने तक का होश नहीं रहता। ऐसे में कुछ भी तला-भूना, मसालेदार या फिर जंक फूड खा लेते हैं, जिसका असर लिवर पर पड़ता है। अगर लिवर स्वस्थ न रहे, तो शरीर भी ठीक तरह से काम नहीं कर पाता। इसलिए, कई बार लिवर को डिटॉक्सीफाई करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में हल्दी-दूध एक प्राकृतिक लिवर डिटॉक्सीफाई की तरह काम करता है, जिससे लिवर की कार्यप्रणाली तेज हो जाती है। यह लिवर की रक्षा करता है और लसीका प्रणाली को साफ करता है।हड्डियों को स्वस्थ रखे हल्दी और दूध : हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम जरूरी होता है। दूध में कैल्शियम होता है, जो आपकी हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाता है । हल्दी वाला दूध हड्डियों के नुकसान और ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका को कम कर सकता है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत के महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर हड्डी की मजबूती के लिए रोजना हल्दी-दूध का सेवन करते हैं।
-
चन शक्ति के लिए हल्दी और दूध : अगर पेट और पाचन शक्ति ठीक से काम न करे, तो इसका असर आपके शरीर पर तेजी से पड़ता है। ऐसे में हल्दी-दूध के फायदे अनेक हैं। यह प्रभावशाली एंटीसेप्टिक है, जो आंतों को स्वस्थ रखता है और पेट के अल्सर व कोलाइटिस का इलाज करता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर करने में मदद करता है और अल्सर, दस्त व अपच को रोकता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण की तरह काम करता है और पेट दर्द का इलाज कर सकता है।
-
अनिद्रा के लिए हल्दी और दूध : काम का तनाव, घर का तनाव, थकावट और कई अन्य कारणों से आजकल लोगों को अनिद्रा की समस्या से गुजरना पड़ता है। ऐसे में कई बार लोग नींद की दवाइयां भी लेने लगते हैं और आगे चलकर लोगों को इसकी आदत होने लगती है। इसके अलावा, इन दवाइयों के कई साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। अगर अनिद्रा की परेशानी हो, तो दवाई लेने से बेहतर है कुछ घरेलू उपाय करने की। हल्दी-दूध उन्हीं घरेलू उपायों में से एक है। गर्म हल्दी-दूध एक एमिनो एसिड व ट्रिप्टोफैन का उत्पादन करता है, जिससे अच्छी नींद आती है। विभिन्न अध्ययनों से यह भी स्पष्ट हुआ है कि कैसे करक्यूमिन अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति में याददाश्त को भी ठीक करता है। ऐसे में जब भी आपको नींद न आए, तो आप हल्दी-दूध पिएं या हर रोज रात को सोने से पहले इसका सेवन करें।
-
गोरी त्वचा के लिए हल्दी और दूध : हर कोई गोरी-बेदाग त्वचा की ख्वाहिश रखता है। खासकर, बात करें महिलाओं की, तो वो त्वचा की खूबसूरती पर काफी ध्यान देती हैं। गोरी-बेदाग त्वचा पाने के लिए वो पार्लर जाने के अलावा कई तरह के उपाय करती हैं। साथ ही तरह-तरह की क्रीम और लोशन का भी इस्तेमाल करती हैं, लेकिन इनका असर कुछ ही दिनों तक रहता है। ऐसे कुछ घरेलू नुस्खे फायदेमंद साबित हो सकते हैं। उन्हीं उपायों में से एक हल्दी और दूध, अगर इसका उपयोग नियमित रूप से करेंगे, तो आपकी त्वचा में चमक आ सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हल्दी-दूध के एंटीऑक्सीडेंट गुण मुक्त कणों से लड़ते हैं, जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं।
-
प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार : मां बनना किसी भी महिला के लिए खुशी की बात होती है, लेकिन कुछ महिलाएं हॉर्मोनल बदलाव या अन्य कारणों से इस अहसास से वंचित रह जाती हैं। हालांकि, इसके लिए महिलाएं डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लेती हैं, लेकिन इसी के साथ कुछ घरेलू उपाय का भी सहारा लिया जाए, तो इस समस्या का और जल्दी समाधान निकाला जा सकता है। हल्दी में फाइटोएस्ट्रोजन होता है, जो महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण गर्भधारण नहीं कर सकती हैं। करक्यूमिन में एस्ट्रोजेनिक प्रभाव पाया गया है, जिस कारण हल्दी वाला दूध महिला प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा पेय पदार्थ माना गया है ।