मॉर्निंग वॉक और पैदल चलने के जबरदस्त फायदे

पैदल चलना यानि वॉकिंग एक ऐसी गतिविधि है जो प्रकृति ने इंसान को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए दी है। इंसान ने अपने दिमाग का उपयोग करके इसके लिए कई विकल्प तलाश कर लिए हैं। जैसे कार , स्कूटर , बस , ट्रैन आदि। इस वजह से इंसान का पैदल चलना बंद सा हो गया है। 30 मिनट का मॉर्निंग वॉक जीवन को बदल सकता है। विशेषकर जब किसी बीमारी जैसी की मोटापा, हृदय की बीमारी या शुगर की बीमारी से जूझ रहे हैं। मॉर्निंग वॉक के फायदे अनेक है, मॉर्निंग वॉक हृदय और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए जहां उपयोगी होता है वहीं इससे आपको ऊर्जा और सकारात्मकता भी प्राप्त होती है। प्रभात के समय की ताजा हवा आपकी नर्वस को रिलेक्स करती है और मूड को खुशनुमा बनाती है। सिर्फ 30 मिनट के लिए किया गया मॉर्निंग वॉक दो घंटे जिम में किए गए वर्कआउट के जितना ही फायदेमंद होता है।

ऐसे में आपको मॉर्निंग वॉक पर जरुर जाना अत्यंत लाभकारी है। वॉक सवेरे और शाम दोनों समय जा सकते हैं लेकिन सेवेरे कि वॉक ज्यादा लाभदायक होती है क्योंकि सुबह की हवा ताजी होती है जिसमें ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। जब सांसों के माध्यम से ऑक्सीजन को शरीर में ले जाते हैं तो यह खून के द्वारा शरीर के सभी हिस्सों में पहुंचती है जिस कारण मानव का हर हिस्सा सही ढंग से काम करता है। ऐसे में अलग-अलग तरह की बीमारियों से ग्रस्त होने का खतरा खत्म होता है। तो आइए जानते हैं कि क्यों मॉर्निंग वॉक शरीर के लिए होता है लाभकारी।

वजन कम – पैदल चलने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है। बॉडी शेप में आती है। यदि नीचे के हिस्से यानि जाँघो और कूल्हों को शेप में लाना है तो नियमित वाकिंग से अच्छा कुछ नहीं है। आधा घंटे की तेज चाल से लगभग 200 कैलोरी जल जाती है। पहले कभी कोई एक्सरसाइज नहीं की है तो वाकिंग से शुरू करें। यह दर्द रहित वजन कम करने का अच्छा साधन हो सकता है। पर इससे बहुत अधिक वजन कम होने की आशा ना करें।

मांसपेशियाँ – चलने से करने से शरीर की लगभग सभी मांसपेशी काम आती है और सभी की एक्सरसाइज हो जाती है। इससे उन्हें ताकत मिलती है। शुरुआत में वाक करने से एक दो दिन थोड़ा दर्द हो सकता है। फिर दर्द नहीं होता बल्कि अच्छा परिणाम मिलने से ख़ुशी होती है। चलने से हाथ , पैर और पेट की माँसपेशियां मजबूत बनती हैं।

हृदय – पैदल चलना हृदय के लिए बहुत लाभदायक है। यदि रक्त में कोलेस्ट्रॉल अधिक हो तो ब्रिस्क वाक यानि तेज चाल से चलने से कम हो जाता है। इससे हृदय की मांसपेशियों की कसरत हो जाती है और हृदय मजबूत होता है। नियमित वाक करने से ब्लड प्रेशर का स्तर सही बना रहता है जो हृदय के लिए लाभदायक होता है।

मेनोपॉज के बाद पैदल घूमने वाली महिलाओँ में ब्लड प्रेशर अपेक्षाकृत कम पाया ,आधा घंटा रोजाना चलने वाली महिलाओं में हृदय रोग में कमी पाई गई। पैदल चलना स्वस्थ रहने का सबसे आसान और अच्छा तरीका है।

जॉइंट पेन – अधिकतर जोड़ में मौजूद कार्टिलेज में सीधे तौर पर रक्त की सप्लाई नहीं होती है। उनको जोड़ों के बीच मौजूद द्रव से पोषण मिलता है। पैदल चलने से इस द्रव में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है। पैदल नहीं चलने से जोड़ों में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है , जो उसके कमजोर होने का कारण बन सकता है।

वॉक करने से रीढ़ की हड्डी के प्रत्येक अंग को फायदा मिलता है। पीठ को पोषक तत्व मिलते हैं और विषैले तत्व निकल जाते हैं। यह पीठ की जकड़न कम करता है। इसके साथ कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से गतिशीलता बढ़ती है। वाक करने से हड्डी मजबूत बनती है। इससे जोड़ों पर दबाव कम होता है और यह अर्थराइटिस के दर्द में आराम देता है।

मूड – पैदल चलने से मन को ख़ुशी मिलती है क्योंकि इससे एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव होता है। यह नर्वस सिस्टम पर अच्छा प्रभाव डालता है और इससे गुस्सा और क्रोध कम होता है। इसके अलावा वाक करने के लिए जाने से साथ से , पडोसी से या दोस्त से संपर्क होता है। इससे अकेलापन दूर होता है।
मॉर्निंग वाक आपको प्राकृतिक रौशनी में ले जाता है। जिससे आपको विटामिन D प्राप्त होता है। यह भी मन अच्छा होने का कारण बनता है। कभी भी मन ख़राब हो तो आधा घंटे की वॉक कर लें , मन अच्छा हो जायेगा।

अधिक ऑक्सीजन – पैदल चलने से साँस की गति बढ़ती है। इससे फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन का प्रवाह होता है। रक्त को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है। इससे ऊर्जा का स्तर सुधरता है और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। फेफड़े की भी कसरत हो जाती है और वे मजबूत होते हैं तथा उनकी कार्यविधि में सुधार होता है।

याददाश्त – उम्र बढ़ने पर याददाश्त में कमी होने लगती है। नियमित पैदल चलने वाले लोगों में ऐसा होने की संभावना कम होती है। अर्थात वाक करने से स्मरण शक्ति अच्छी बनी रहने में मदद मिलती है। इससे अल्जाइमर जैसी बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है।

नींद – अच्छी नींद के लिए कई प्रकार की जरुरत वाक करने से पूरी हो सकती है। जैसे पेट हल्का रहना , मानसिक तनाव कम होना , हल्की एक्सरसाइज होना । गार्डन में मॉर्निंग वाक करने के बाद थोड़ा प्राणायाम भी किया जा सकता है। इस तरह नियमित प्राणायाम हो जाता है और प्राणायाम करने से भी अच्छी नींद आती है। प्राणायाम के बारे में विशेष ध्यान रखने योग्य बातें जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।

वॉक कैसे करनी चाहिए : जितना तेज , अधिक दूरी तक और नियमित पैदल चलते हैं उतना ही अधिक फायदा मिलता है। लेकिन अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही पैदल चलना चाहिए। वाक करने का सही तरीका यह है –

गर्दन सीधी रखनी चाहिए।
• सामने देख कर चलना चाहिए जमीन पर देख कर नहीं।
• ठोड़ी जमीन के सामानांतर हो।
• पेट थोड़ा अंदर खींच कर रख सकें तो अच्छा है।
• कंधे सामान्य रूप से हिलने चाहिए।
• पीठ सीधी रखें आगे या पीछे की तरफ झुका कर ना चलें।
• हाथों को आजादी से हिलने दें , कोहनी से थोड़े मुड़ते हों तो चलता है।
• सामान्य चाल से चलें , जिसमे पैर की अंगुलियाँ , एड़ी , घुटने , आदि पूरे गतिशील हों।

वॉक पर जाते समय ध्यान देने योग्य बातें :
वॉक पर जाने के लिए ऐसी जगह चुने जहाँ हवा शुद्ध हो और हरियाली हो , गन्दगी बदबू आदि न हो।
सुनसान जगह पर जाने की बजाय जहाँ कई लोग आते हो वहाँ वॉक के लिए जाएँ। विशेष कर महिलाओं के लिए सुरक्षा की दृष्टि से यह ठीक रहता है।
जूते सही तरीके के पहने। जूते का सोल थोड़ा मोटा और गद्दीदार हो ताकि पैर को आराम मिले और झटके से नुकसान नहीं हो।
शुरू में 5 -7 मिनट धीमी चाल से चलें। ताकि मांसपेशियाँ वार्म अप हो जाये। बाद में स्पीड बढ़ा सकते हैं। इसी प्रकार तेज चाल के बाद तुरंत ना रुकें। 5 -7 मिनट में धीरे धीरे स्पीड कम करते हुए रुकें।
इस पर नजर रखें कि आप कितनी दूरी तक या कितने समय तक पैदल चले और किस चाल से चले। दिनों दिन खुद में सुधार होता देख कर आपको ख़ुशी मिलेगी। आपका उत्साह बढ़ेगा और आप नियमित रहेंगे। इसके लिए मोबाइल में एप डाउन लोड किया जा सकता है। आपको खुद को यह देखकर आश्चर्य होगा कि आप एक सप्ताह में या एक महीने में कितना चल लिए।खुद से वादा करें कि रोज वॉक करनी ही है। यदि अकेले घूमना पसंद नहीं हो तो अपने जीवन साथी , पड़ौसी या दोस्त को साथ ले जाने के लिए पूछ सकते हैं। या अपनी पसंद का संगीत सुनते हुए वॉक कर सकते हैं। एक ही जगह रोजाना जाने से ऊब होती हो तो जगह बदल कर जाएँ।एक दो दिन किसी कारण से वॉक पर न जा पायें तो खुद को याद दिलायें कितना अच्छा महसूस होता था जब वॉक पर जाते थे। और वापस वॉक शुरू कर दें।

 

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