- व्यायाम करने से पीरियड सम्बन्धित समस्याएँ कम होती है, लेकिन व्यायाम एक सीमा में हीं करना चाहिए.
- अगर आप ज्यादा भोजन करती हैं, तो आपको उन्हें बर्न करने के लिए ज्यादा शारीरिक श्रम भी करना चाहिए.
- अपने शरीर का नियमित मसाज करें.
- सुबह समय से नाश्ता जरुर करें.
- अपने स्तनों की खुद जाँच करती रहें, कि कहीं उनमें ब्रेस्ट कैंसर का कोई लक्षण तो नहीं दिखाई दे रहा है. लापरवाही भरी जीवनशैली महिलाओं की अनेक बीमारियों का कारण बनती है.
- चाय के साथ नमकीन या बिस्कुट न लें, इससे मोटापा बढ़ने की सम्भावना कम होगी.
- हाथ या पैरों के बाल हटाने के लिए कभी भी रेजर का उपयोग न करें.
- अनियमित खान–पान और तनाव की वजह से बहुत सारी महिलाओं की योनी के बाल भी उम्र से पहले हीं सफेद हो जाते हैं. इसलिए समय पर और शरीर को लाभ पहुँचाने वाला भोजन करना चाहिए. सामान्य रूप में 50 वर्ष से अधिक उम्र हो जाने पर महिलाओं की योनी के बाल सफेद होना शुरू होते हैं.
- आलू के रस या ओलिव आयल से मसाज करने से स्ट्रेच मार्क्स कम हो जाते हैं.
- अगर आपके मासिक श्राव का रंग हरा या पीला हो जाए तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
- अगर आपके होंठों का रंग असामान्य हो, तो यह लीवर सम्बन्धित समस्या का संकेत हो सकता है.
- गर्भाशय मसाज – गर्भाशय मूत्राशय के पीछे पेल्विक कैविटी के नीचे वाले भाग में होता है. अतः शरीर के इस हिस्से में मालिश करने से मुड़े हुए गर्भाशय को सीधे होने में मदद मिलती है.
- ओवरी मसाज – अण्डाशय, गर्भाशय के सामने स्थित होते हैं. यह बिल्कुल पेल्विक हड्डियों से जुड़े होते हैं. इस हिस्से में सेल्फ मसाज के जरिये भीतरी हिस्से में आक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह होता है जिससे अण्डों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है.
- अगर आपके ब्रेस्ट में रैशेज हो जाए, तो आप बेबी पाउडर का इस्तेमाल कर सकती हैं. फंगल रैसेज की समस्या है, तो मीठा खाना कम करें. रैशेज वाले जगह पर तुलसी के पत्तों का पेस्ट लगाने से फायदा पहुंचेगा. हल्दी को ऐलोवेरा और दूध के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से भी फायदा पहुंचेगा.