हँसी इंसान को प्रकृति की अनमोल देन है। हँसने से शरीर को बहुत से फायदे मिलते हैं। एक हँसी रिश्ते बना सकती है , कार्यक्षमता में सुधार ला सकती है , बीमारियों से बचा सकती है। कहा जाता है कि हँसी सबसे बड़ी दवा है और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। जब हम हँसते है तो शरीर का तनाव कम हो जाता है। चिंता समाप्त हो जाती है, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। तेज हँसी आने पर मांसपेशियों की कसरत हो जाती है। हँसी को हम उस असरदार दवा की तरह मानते हैं, जो दुखों और घावों को ठीक करने में सबसे ज़्यादा असरकारक है। हँसने के कारण आपकी सोच सकारात्मक हो जाती है। हँसी वो चमत्कारिक योग है जिससे तमाम समस्याओं का समाधान अपने आप ही हो जाता है। इसके फायदे शरीर को जरूर मिलते हैं।
हँसने के फायदे
• हँसी दर्द सहन करने की ताकत बढ़ा देती है। अर्थराइटिस जैसी परेशानी में खुल कर आने वाली हँसी दर्द कम कर सकती है। हंसने से रक्त में शक्कर की मात्रा कम होती है।
• ठहाका लगते हुए तेज हंसी से दिमाग से एंडोर्फिन नामक हार्मोन का स्राव होता है। इसके कारण शरीर में हृदय के लिए लाभदायक बदलाव शुरू होने लग जाते हैं। रक्त में नाइट्रिक ऑक्साइड का प्रवाह होता है।
• इससे नसें चौड़ी होती है। उनमे रक्त का प्रवाह बढ़ता है , प्लेटलेट एक जगह इकट्ठे नहीं होते , और कोलेस्ट्रॉल का जमाव नहीं हो पाता। इस प्रभाव से ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ता है और यह दिल , दिमाग सहित शरीर के प्रत्येक अंग के लिए लाभदायक सिद्ध होता है।
• हँसने से रक्त की नसों का वह हिस्सा जिसे एंडोथेलिअम कहते है , स्वस्थ बनता है और उसकी कार्यविधि सुधरती है। इससे नसों में रक्त का संचार सही रहता है , नसें लचीली बनी रहती हैं और कोलेस्ट्रॉल जमने से बचाव होता है।
• इसके अलावा एंडोथेलिअम चोट , घाव , संक्रमण, खुजली आदि होने पर विशेष प्रकार के लाभदायक केमिकल का स्राव करके सुरक्षा प्रदान करता है। हंसना मानसिक तनाव को कम करके तनाव के कारण एंडोथेलिअम को नुकसान होने से बचाता है।
• माइकल मिलर नामक विशेषज्ञ के अनुसार लाफ्टर से हृदय की आर्टरीज़ पर उतना ही अच्छा प्रभाव पड़ सकता है जितना की एरोबिक एक्सरसाइज से। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है की एक्सरसाइज छोड़ देनी चाहिए। उनके अनुसार नियमित रूप से हंसने की कोशिश करते रहना चाहिए।
• हँसता हुआ चेहरा अधिक सुन्दर दिखता है। हँसना संबंधों को दृढ बनाने के लिए जरुरी है। इससे भावनात्मक जुड़ाव होता है। सेन्स ऑफ़ ह्यूमर सभी को पसंद आता है।
• हँसी से टेंशन और डिप्रेशन कम होता है। यह नेचुरल पेनकिलर का काम करता है।
• हँसी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाती है। ज़ोरदार हँसी कसरत का काम भी करती है।
• ख़ूबसूरत चेहरा पाने के लिए यह एक अच्छा व्यायाम है, हँसी से आत्मविश्वास भी बढ़ता है, हँसी से सकारात्मक सोच का भी विकास होता है।
• हँसी आपको जीवन में कभी निराश नहीं होने देती। हँसी से आप एक तीर से दो निशाने लगा सकते है। हँसी में सच और शिक़ायत दोनों बातें साथ कहने की क्षमता बढ़ती है।
• लड़कियों से जब पूछा जाता है की उनको पुरुष में क्या पसंद है तो अधिकतर जवाब होता है -“सेन्स ऑफ़ ह्यूमर ” यानि हँसने हँसाने की कला ।
• सबसे अच्छी हंसी वो होती है जो आँख में आसूं ले आये। सप्ताह में तीन बार आधा घंटे और रोजाना लगभग 15 मिनट हंसने से पूरा लाभ होता है। कुछ लोग सुबह गार्डन में लाफ्टर करते दिखाई पड़ते हैं। क्या इस तरह की हँसी या लाफ्टर के फायदे हैं ,
• हंसने के लिए मन से बहुत प्रसन्न होना या अच्छा सेन्स ऑफ़ ह्यूमर होना , जरुरी नहीं होता है। इसलिए लाफ्टर एक्सरसाइज करके कोई भी लाभ प्राप्त कर सकता है। खुलकर हँसने का प्रयास करें। अपने आप हँसी आने लगेगी और खुशियाँ बिखरने लगेगी।