शीशम सर्वत्र पाया जाने वाला एक मध्यम श्रेणी का सदा हरित वृक्ष है। शीशम पत्ती पाउडर अनेक प्रकार रोगो में बेहतरीन काम करता हैं। तो आइये जानते हैं इसके फायदों के बारे में-
त्वचा रोगों में – त्वचा में उत्पन्न होने वाले कृमि अथवा एक्जिमा के उपचारार्थ सम्बंधित स्थान पर शीशम पत्ती का पेस्ट लगाना हितकारी है। इसके लगाने से 2 सप्ताह के भीतर ही रोग से निवृति होती है।
कुष्ठ रोग : कुष्ठ रोग में शीशम पत्ती पाउडर के स्नान करने से प्रयाप्त लाभ की प्राप्ति होती है इसके लिए सम्बंधित व्यक्ति को इसकी शीशम पत्ती को जल में उबालकर ठंडा कर उस जल से स्नान करना चाहिए। इससे कुष्ट रोग में अभूतपूर्व लाभ मिलता हैं।
जुकाम होने पर- सर्दी जुकाम की स्थिति में शीशम पत्ती पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर जल में जल को आधा रहने तक पकाएं।इसके पश्चात इसे छानकर इस का सेवन करें। मात्र 1-2 बार के इस प्रयोग से सर्दी का प्रकोप दूर होता है। पीरियड्स में अति रक्तस्त्राव – स्त्रियों में मासिकधर्म के दौरान अत्यधिक रक्त आना अत्यात्रव कहलाता है। इस रोग के निवारणार्थ रात्रि के समय शीशम पत्ती पाउडर को स्वच्छ जल में गला दें। सुबह के समय पाउडर को जल से अलग करके इस जल को पीने से अत्यात्रव में लाभ होता है।
प्रमेह रोगों में शीशम की छाल का काढ़ा पीने से लाभ होता है। इस लिए 50 ग्राम छाल को 2 गिलास जल में आधा रहने तक उबालकर काढ़ा बनाये। धातु रोगों में – शीशम पत्ती पाउडर में समान रूप मिश्री मिला कर प्रातः काल शौच जाने के 15 मिनट बाद साधारण जल से नियमित सेवन करने से धातु रोगों में लाभ होता है। इसके अलावा शीशम पत्ती पाउडर के सेवन से जोड़ो के दर्द, पेट के रोगो में, आदि में भी लाभ मिलता हैं।
शीशम पत्ती के स्वास्थ्य लाभ
