कमर दर्द से बचने के कुछ घरेलु लाभकारी उपाय

आजकल कमर दर्द लोगों के लिए एक कष्टदायक समस्या बनी हुई है। आज हर उम्र के लोग इससे परेशान हैं और दुनिया भर में इसके सरल व सहज इलाज की खोज जारी है। दिनभर बैठे कर काम करने से यह समस्या और भी बढ़ जाती है। कमर दर्द अगर नीचे की तरफ बढ़ने लगे और तेज हो जाए, तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं। कभी-कभी दर्द कुछ मिनट ही होता है और कभी-कभी यह घंटों तक रहता है। 30 से 50 वर्ष की आयुवर्ग के लोग इसकी चपेट में अधिक आते हैं। वे महिला और पुरुष इसके अधिक शिकार होते हैं, जिन्हें अपने काम की वजह से बार-बार उठना, बैठना, झुकना या सामान उतारना, रखना होता है। कमर की मांसपेशियों का असंतुलित होना ही कमर दर्द का कारण होता है। कमर दर्द सही तरह से न उठने-बैठने, सोने या कमर पर क्षमता से अधिक दबाव पड़ने से होता है। लगभग 80 % लोग कभी न कभी कमर दर्द से परेशान होते हैं। कमर दर्द नया भी हो सकता है और पुराना भी हो सकता है। सतही तौर पर देखने पर कमर में होने वाला दर्द भले ही एक सामान्य सी स्थिति लगती है, लेकिन इसे नज़रअंदाज करने से समस्या काफी बढ़ सकती है।

तो आइये जानते कमर दर्द से बचने के कुछ सामान्य उपाय

  • कमर दर्द के ज्यादातर मरीजों को आराम करने और फिजियोथेरेपी से राहत मिल जाती है।
  • स्लिप डिस्क या कमर दर्द की समस्या होने पर दो से तीन हफ्ते तक पूरा आराम करना चाहिए।
  • दर्द कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दर्दनिवारक दवाएं, मांसपेशियों को आराम पहुंचाने वाली दवाएं लें।
  • जीवनशैली बदलें। वजन नियंत्रित रखें। वजन बढ़ने और खासतौर पर पेट के आसपास चर्बी बढ़ने से रीढ़ की हड्डी पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
  • नियमित रूप से पैदल चलें। यह सर्वोत्तम व्यायाम है।
  • शारीरिक श्रम से जी चुराएं। शारीरिक श्रम से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
  • अधिक समय तक स्टूल या कुर्सी पर झुककर बैठें। कुर्सी पर बैठते समय पैर सीधे रखें कि एक पर एक चढ़ाकर।
  • अचानक झटके के साथ उठेंबैठें। एक सी मुद्रा में तो अधिक देर तक बैठे रहें और ही खड़े रहें।
  • किसी भी सामान को उठाने या रखने में जल्दबाजी करें। भारी सामान को उठाकर रखने की बजाय धकेल कर रखना चाहिए। जमीन से कोई सामान उठाना हो तो झुकें नहीं, बल्कि किसी छोटे स्टूल पर बैठें या घुटनों के बल नीचे बैठें और सामान उठाएं।
  • कमर झुका कर काम करें। अपनी पीठ को हमेशा सीधा रखें।
  • ऊँची एड़ी के जूतेचप्पल के बजाय साधारण जूतेचप्पल पहनें।
  • सीढ़ियाँ चढ़तेउतरते समय सावधानी बरतें।
  • रोज सुबह वातानिल तेल की प्रभावित जगह पर मालिश करें।
  • यदि कहीं पर अधिक समय तक खड़ा रहना हो तो अपनी स्थिति को बदलते रहें।
  • दायेंबायें या पीछे देखने के लिए गर्दन को ज्यादा घुमाने के बजाय शरीर को घुमाएं।
  • देर तक ड्राइविंग करनी हो तो गर्दन और पीठ के लिए तकिया रखें। ड्राइविंग सीट को कुछ आगे की ओर रखें, ताकि पीठ सीधी रहे।
  • अधिक ऊँचा या मोटा तकिया लगाएँ। साधारण तकिए का इस्तेमाल बेहतर होता है।
  • अत्यधिक मुलायम और सख्त गद्दे पर सोएं। स्प्रिंगदार गद्दों या ढीले निवाड़ वाले पलंग पर सोने से भी बचें।

पेट के बल या उलटे होकर सोएं।

  • परंपरागत तरीकों से आराम पहुंचे तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है। लेकिन सर्जरी होगी या नहीं, यह निर्णय पूरी तरह विशेषज्ञ का होता है।

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