आजकल की जीवन शैली और खान पान के कारण हर किसी को एसिडिटी की समस्या हो जाती हैं , एसिडिटी का मतलब सिर्फ सीने या पेट में जलन ही नहीं है। यदि खाना खाने के बाद घंटे भर तक तो कुछ नहीं होता, फिर पेट में भारीपन , जलन , आफरा , पेट फूलना, खट्टी डकार आती है तो यह एसिडिटी के लक्षण हैं ।
इसके अलावा जी घबराता है , या तो भूख लगती नहीं है या बहुत ज्यादा भूख लगती है, बिना कुछ काम किये भी थकान लगती रहती है, आलस भरा रहता है, कभी कब्ज हो जाती है कभी दस्त लग जाती है।
यदि ये लक्षण महसूस हो रहे है तो यह एसिडिटी हो सकती है। ऐसी अवस्था में सचेत हो जाना चाहिए ।
एसिडिटी का मतलब है की पेट में अधिक एसिड बन रहा है । पेट में खाना पचाने के लिए कुछ रस मिक्स होते है। ये रस जब किसी कारण से अधिक मात्रा में स्रावित होते है तो पेट की आंतरिक सतह को नुकसान पहुंचाते है जो तकलीफ देह होता है। इसके कारण कई प्रकार की परेशानी होने लगती है।
एसिडिटी के घरेलु नुस्खे
• तरबूज व खीरा खाने से एसिडिटी में आराम रहता है। जौ , पुराना चावल , दूध , मूंग , मसूर , परवल , करेला , मीठा आम , पका केला खा सकते है।
• नारियल पानी रोजाना पीने से एसिडिटी में लाभ मिलता है।
• खाना खाने के बाद थोडा गुड़ खाने से फायदा होता है। खाने के बाद लौंग चूसने से एसिडिटी में आराम मिलता है।
• आलू , शकरकंद और केले में पोटेशियम होता है जो अम्ल पित्त के स्राव को रोकता है। इनसे एसिडिटी में आराम आता है।
• स्टार्च के साथ अम्ल नहीं खायें जैसे – आलू के साथ टमाटर , रोटी के साथ नींबू , केले के साथ संतरा। खट्टी व मीठी चीजें एक साथ न खाएं।
•प्रोटीन , स्टार्च , कार्बोहाईड्रेट एक साथ नहीं खाने चाहिए।
• भोजन के एक घंटे बाद एक चम्मच आंवले का चूर्ण लेने से लाभ होता है।
• अधिक मसालेदार , तीखे ओर तले हुए खाने से परहेज करना चाहिए।
• रात को सोने से तीन चार घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए। खाना खाने के बाद दिन में सोना नहीं चाहिए।
• एक बार में ज्यादा भोजन न करें , तीन -तीन घंटे से थोडा थोडा खाएं , अधिक समय खाली पेट न रहें।
• आधा गिलास दूध में आधा गिलास पानी ,इलायची मिलाकर फ्रिज में रख दें। ठण्डा होने पर थोडा थोडा दिन भर पियें बहुत आराम मिलेगा।
• चाय व कॉफ़ी कम मात्रा में ही लें। न लें तो ज्यादा बेहतर है।
• सब्जी में कद्दू की सब्जी बिना छिलके वाली खाना सबसे अच्छा है।
• सब्जी ( गाजर , पालक , चुकंदर आदि ज्यादा रेशे वाली ) या खट्टे फलों का जूस व आंवले का जूस एसिडिटी में न लें। साबुत फल खाए जा सकते है।
• ज्यादा पत्तेदार सब्जी जैसे पालक बथुआ आदि नहीं खानी चाहिए। लौकी , टिंडा , तुरई , परवल , आदि सब्जी खाने चाहिए।
• सुबह आधा घन्टे पैदल घूमें।
• खाना खाने के साथ और तुरंत बाद में पानी ना पियें। इससे पाचन प्रभावित होता है जो
- सब्जी में कद्दू की सब्जी बिना छिलके वाली खाना सबसे अच्छा है।
- सब्जी ( गाजर , पालक , चुकंदर आदि ज्यादा रेशे वाली ) या खट्टे फलों का जूस व आंवले का जूस एसिडिटी में न लें। साबुत फल खाए जा सकते है।
- ज्यादा पत्तेदार सब्जी जैसे पालक बथुआ आदि नहीं खानी चाहिए। लौकी , टिंडा , तुरई , परवल , आदि सब्जी खाने चाहिए।
- सुबह आधा घन्टे पैदल घूमें।
- खाना खाने के साथ और तुरंत बाद में पानी ना पियें। इससे पाचन प्रभावित होता है जो एसिडिटी का कारण बन सकता है।