अलसी गुणों का खजाना है, लेकिन कई लोग आज भी इससे अनजान हैं। अलसी हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाकर स्वस्थ रखने में मदद करती है। शाकाहारी लोगों के लिए अलसी वरदान है, क्योंकि मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड अलसी में मौजूद होता है। साथ ही इसमें लिगनेंस एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर व अल्फा लिनोलिक एसिड भी मौजूद होता है, जो आपके शरीर में होने वाली तरह-तरह की बीमारियां जैसे – डायबिटीज, दिल की बीमारी, पेट की परेशानी और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं को कम करते हैं। अलसी के औषधीय गुण मनुष्य के लिए अमृत से कम नहीं हैं।
यहां हम स्वास्थ्य के लिए अलसी के फायदे के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। सबसे पहले हम यह बताते हैं कि सेहत के लिए अलसी किस प्रकार फायदेमंद है।
- वजन कम करने के लिए : अलसी के बीज में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो वजन को संतुलित रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जोकि लाभदायक फैट होता है। यह भूख को कम कर सकता है, जिससे आपका वजन कम होने में मदद मिल सकती है।
अलसी के बीज में मौजूद लिगनेन कोशिकाओं को काम करने में मदद करता है, जिस कारण आपका फैट कम हो सकता है। लिगनेन चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाता है, जिस कारण भी आपका वजन कम हो सकता है। अलसी के बीज के पाउडर वजन कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अलसी के बीज फैट निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर में वसा की मात्रा कम हो जाती है। - ब्लड प्रेशर को करता है कम :जैसे ही इंसान तनाव में आने लगता है, तो उसके शरीर में कई तरह की बीमारियां घर करने लगती है और हाई ब्लड प्रेशर उन्हीं में से एक है। हाई ब्लड प्रेशर होने से दिल के दौरे का या ब्रेन हैमरेज होने के अलावा अन्य बीमारियों काखतरा रहता है।इसलिए, आप रोज जितनी जरूरत हो सके उतना व्यायाम करें और खानपान का ध्यान रखें। इसके लिए आप अपने खाने में अलसी के बीज को शामिल करें। इसमें लिनोलिक एसिड, लिगनेन व फाइबर होते हैं, जो कुछ हद तक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं।
- सर्दी-खांसीमेंअसरदार :बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम होना आम बात है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी का भी रूप ले सकती है। ऐस में अगर आप अलसी के बीज को घरेलू उपाय के रूप में अपनाएंगे, तो सर्दी-जुकाम की परेशानी कम हो सकती है। सर्दी-जुकाम होने पर अलसी के पाउडर की चाय पिएं या फिर आप दो चम्मच अलसी को एक कप पानी में तब तक उबालें, जब तक वो गाढ़ा न हो जाए। अब इसको छान लें और इसमें तीन चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर पिएं। आप अलसी के बीज को अपने सूप, स्मूदी या अन्य खाद्य पदार्थ में भी शामिल कर सकते हैं। अलसी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद हैं। इसे प्राचीन काल से सर्दी-जुकाम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
- कोलेस्ट्रॉलकोकरताहैकम: जब बात आए कुछ हेल्दी खाने की, तो अलसी एक अच्छा ऑप्शन है, अलसी शरीर के हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम करता है। आप हर रोज छोटे चम्मच से एक या दो चम्मच अलसी के पाउडर का सेवन करें। इससे आपका कोलेस्ट्रॉल काफी हद तक कम होगा और आपको एनर्जी भी मिलेगी, क्योंकि अलसी में फाइबर और ओमेगा-3 होता है, जो आपको ऊर्जा देगा।
- दिलकेलिएफायदेमंद: शरीर को स्वस्थ रखना है, तो दिल को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। तनाव, गलत खानपान और कई अन्य कारणों से हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में अगर आप अलसी के बीज का सेवन शुरू करें, तो दिल की बीमारी का खतरा कुछ हद तक कम हो सकता है। अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है, जो दिल के बीमारी का खतरा कम करता है। यह धमनियों के काम को सुधारता है। एक और अध्ययन के अनुसार, अगर कोई एएलए, जो एक तरह का ओमेगा-3 फैटी एसिड का प्रकार होता है, उसका सेवन करे, तो हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है।
- जोड़ोंकेदर्दयागठियामेंखाएंअलसी :एक वक्त था जब हड्डियों और जोड़ों का दर्द बढ़ती उम्र की निशानी हुआ करती थी, लेकिन आजकल लगभग हर कोई हड्डियों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहता है। कभी पूरा दिन कुर्सी पर बैठे रहने से, कभी जरूरत से ज्यादा दौड़-भाग करने से, तो कभी बदलते मौसम की मार से। कई बार लोग शुरुआत में इन दर्द को अनदेखा कर देते हैं, जो आगे चलकर मुसीबत बन जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप पहले से ही सावधानियां बरतें। आप जोड़ों के दर्द के लिए अलसी का सेवन कर सकते हैं या फिर अलसी के पाउडर को सरसों के तेल में गुनगुना करके जोड़ों पर लगाएं, आपको आराम मिलेगा। हालांकि, यह कहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है कि अलसी के बीज गठिया में असरदार होगा या नहीं, लेकिन इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है, जिससे गठिया की परेशानी कम हो सकती है। इसलिए, यह कह सकते हैं कि अलसी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द या गठिया की बीमारी में काफी असरदार हो सकते हैं।
- गर्भावस्था के दौरान अलसी का सेवन : गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को अपने गर्भ में पल रहे शिशु का खास ध्यान रखना होता है। इसलिए, गर्भावस्था में महिला को खानपान का ध्यान रखना जरूरी है, ऐसे में अगर अलसी का सेवन किया जाए, तो गर्भवती महिला के लिए काफी लाभकारी हो सकता है। अलसी में प्रचुर मात्रा में फाइबर, ओमेगा-3 और प्रोटीन होता है और एक गर्भवती महिला को इन सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को कब्ज की परेशानी होती है, लेकिन सीमित मात्रा में अलसी के सेवन से यह समस्या दूर हो सकती है, क्योंकि अलसी में फाइबर होता है, जो कब्ज से राहत दिला सकता है। वहीं प्रोटीन और ओमेगा-3 गर्भ में पल रहे शिशु के लिए महत्वपूर्ण होता है।
नोट: जैसा कि सभी जानते हैं कि गर्भावस्था महिला के लिए एक नाजुक दौर होता है और हर महिला की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है या है, तो गर्भावस्था के दौरान अलसी खाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें। इसके अलावा, अलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए भी गर्भावस्था में इसके सेवन से पहले विशेषज्ञ की राय लें। - इम्यूनसिस्टमकेलिए :मनुष्य का इम्यून सिस्टम सही होना बहुत जरूरी है, अगर किसी का इम्यून सिस्टम ठीक नहीं है, तो वो बार-बार बीमारी का शिकार होने लगता है। किसी भी व्यक्ति को अपना इम्यून सिस्टम सही रखने के लिए न सिर्फ अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि खाने का भी ध्यान रखना चाहिए। इम्यून पावर बढ़ाने के लिए आप अलसी का सेवन कर सकते हैं, इसमें एएलए होता है, जो एक तरह का ओमेगा-3 फैटी एसिड है। अलसी में फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो इम्यून पावर को बढ़ाने में मददगार होते हैं। इससे आपके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता आती है। आप अलसी के बीज या उसके पाउडर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
- लिवरकेलिएअलसी :व्यस्त दिनचर्या की वजह से लोग खानपान का ठीक से ध्यान नहीं रख पाते, नतीजतन पेट और लिवर संबंधी परेशानियां हो जाती हैं। इनसे बचने के लिए और लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आप अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आपको ऊर्जा मिलेगी, बल्कि आपका लिवर भी स्वस्थ रहेगा। इसके सेवन के साथ-साथ आपको अपनी जीवनशैली और खानपान का खास ख्यालरखना होगा, तब जाकर आपको पेट और लिवर संबंधी समस्यायों से छुटकारा मिल पाएगा।